रोहिणी :-
चन्द्रमा प्रियतम मेरे प्राणों के हो आधार तुम,
हो मेरे सर्वस्व इस जीवन का हो श्रृंगार तुम ..2
हो मेरे सर्वस्व , इस जीवन का हो श्रृंगार तुम ...
चन्द्रमा प्रियतम मेरे प्राणों के हो आधार तुम ,
हो मेरे सर्वस्व इस जीवन का हो श्रृंगार तुम
तुम से ही उज्जवल है हर इक षण मेरा
तुम से ही शीतल है तन और मन मेरा ...2
तुम से ही शीतल है तन और मन मेरा ...
आस तुम , विश्वास तुम , साँसों का हो मधुमास तुम
मेरे हर एक स्वपन को करते प्रिये साकार तुम ...
हो मेरे सर्वस्व , इस जीवन का हो श्रृंगार तुम ,
चन्द्रमा प्रियतम मेरे प्राणों के हो आधार तुम ...
चन्द्रमा :-
प्रिये ..! सुन्दरता से भी सुन्दर हो तुम
दिव्ये - निर्मल प्रेम का सागर हो तुम ...
प्रीत हो , मनमीत हो , तुम हृदय का गीत हो .
तुम हृदय का गीत हो ...
मेरी हर एक कल्पना का हो प्रिये विस्तार तुम
हाँ..! मेरी हर एक कल्पना का हो प्रिये विस्तार तुम..
रोहिणी :-
हो मेरे सर्वस्व , इस जीवन का हो श्रृंगार तुम ,
चन्द्रमा प्रियतम मेरे प्राणों के हो आधार तुम....