Saturday, August 23, 2008

रुबाई ५

बने पुजारी प्रेमी साकी,
गंगाजल पावन हाला,
रहे फेरता अवरित गति से
मधु के प्यालों की माला
'और लिए जा,और पिए जा'-
इसी मंतर का जाप करें
मै शिव की प्रतिमा बन बैठूं,
मन्दिर हो यह मधुशाला.

Wednesday, August 20, 2008


"धर्म-ग्रन्थ सब जला चुकी है

जिसके अन्दर की ज्वाला,

मन्दिर मस्जिद गिरजे सबको'

तोड़ चुका जो मतवाला,

पंडित मोमिन पादरियों के

फंदों को जो काट चुका

कर सकती है आज उसीका

स्वागत मेरी मधुशाला."

Friday, August 8, 2008

रुबाई २

"मदिरालय जाने को घर से
चलता है पीनेवाला,
किस पथ से जाऊं?
असमंजस में है भोलाभाला,
अलग - अलग पथ बतलाते सब
पर मै यह बतलाता हूँ,
राह पकड़ तू इक चलता चल
पा जाएगा मधुशाला"

Saturday, August 2, 2008

शेर 3

"जिंदगी जीने के लिए है
शराब पीने के लिए है,
जाम पे जाम लगाये जा
मयखाने इसी के लिए हैं......

Friday, August 1, 2008

शेर 2




"ऐ शेख़ तूने मेरी बादापरास्ती देखी
मुँह से पीते और आँख से टपकती देखी,
तूने जब भी देखा,मुझे पीते-पिलाते देखा
मैंने जब देखी तो तेरी रूह तरसती देखी"




Thursday, July 31, 2008

मैखाना और वीराना

"दिल खुलता है वहां सोहबत ऐ रिन्दाना जहाँ हो

मै खुश हूँ उसी शहर से मैखाना जहाँ हो,

उन उजड़ी हुई बस्तियों में दिल लगता नही

है जी में वहीं जा बसे वीराना जहाँ हो."

Tuesday, July 29, 2008

शेर 1

"मै जी लेता तेरे गमो को, मगर मुझे पीने से फुर्सत नही
तू किए जा सितम दर सितम, मुझे पीने से फुर्सत नही"

Monday, July 28, 2008

रुबाई 1

"सुन कल-कल छल-छल मधु घट से गिरती प्यालो में हाला
सुन रुनझुन-रुनझुन चल वितरण करती मधु साकी-बाला
बस आ पहुंचे, दूर नही कुछ, चार कदम अब चलना है
चहक रहे सुन पीने वाले, महक रही ले मधुशाला."

Saturday, July 26, 2008

"Alcohol may not be the answer, but it shuerly will help you to forget the question"