Friday, June 22, 2012
Saturday, January 28, 2012
चन्द्रमा _ रोहिणी का प्रेम गीत....
रोहिणी :-
चन्द्रमा प्रियतम मेरे प्राणों के हो आधार तुम,
हो मेरे सर्वस्व इस जीवन का हो श्रृंगार तुम ..2
हो मेरे सर्वस्व , इस जीवन का हो श्रृंगार तुम ...
चन्द्रमा प्रियतम मेरे प्राणों के हो आधार तुम ,
हो मेरे सर्वस्व इस जीवन का हो श्रृंगार तुम
तुम से ही उज्जवल है हर इक षण मेरा
तुम से ही शीतल है तन और मन मेरा ...2
तुम से ही शीतल है तन और मन मेरा ...
आस तुम , विश्वास तुम , साँसों का हो मधुमास तुम
मेरे हर एक स्वपन को करते प्रिये साकार तुम ...
हो मेरे सर्वस्व , इस जीवन का हो श्रृंगार तुम ,
चन्द्रमा प्रियतम मेरे प्राणों के हो आधार तुम ...
चन्द्रमा :-
प्रिये ..! सुन्दरता से भी सुन्दर हो तुम
दिव्ये - निर्मल प्रेम का सागर हो तुम ...
प्रीत हो , मनमीत हो , तुम हृदय का गीत हो .
तुम हृदय का गीत हो ...
मेरी हर एक कल्पना का हो प्रिये विस्तार तुम
हाँ..! मेरी हर एक कल्पना का हो प्रिये विस्तार तुम..
रोहिणी :-
हो मेरे सर्वस्व , इस जीवन का हो श्रृंगार तुम ,
चन्द्रमा प्रियतम मेरे प्राणों के हो आधार तुम....
Saturday, August 23, 2008
रुबाई ५
बने पुजारी प्रेमी साकी,
गंगाजल पावन हाला,
रहे फेरता अवरित गति से
मधु के प्यालों की माला
'और लिए जा,और पिए जा'-
इसी मंतर का जाप करें
मै शिव की प्रतिमा बन बैठूं,
मन्दिर हो यह मधुशाला.
गंगाजल पावन हाला,
रहे फेरता अवरित गति से
मधु के प्यालों की माला
'और लिए जा,और पिए जा'-
इसी मंतर का जाप करें
मै शिव की प्रतिमा बन बैठूं,
मन्दिर हो यह मधुशाला.
Wednesday, August 20, 2008
Friday, August 8, 2008
रुबाई २
"मदिरालय जाने को घर से
चलता है पीनेवाला,
किस पथ से जाऊं?
असमंजस में है भोलाभाला,
अलग - अलग पथ बतलाते सब
पर मै यह बतलाता हूँ,
राह पकड़ तू इक चलता चल
पा जाएगा मधुशाला"
चलता है पीनेवाला,
किस पथ से जाऊं?
असमंजस में है भोलाभाला,
अलग - अलग पथ बतलाते सब
पर मै यह बतलाता हूँ,
राह पकड़ तू इक चलता चल
पा जाएगा मधुशाला"
Saturday, August 2, 2008
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