Wednesday, August 20, 2008


"धर्म-ग्रन्थ सब जला चुकी है

जिसके अन्दर की ज्वाला,

मन्दिर मस्जिद गिरजे सबको'

तोड़ चुका जो मतवाला,

पंडित मोमिन पादरियों के

फंदों को जो काट चुका

कर सकती है आज उसीका

स्वागत मेरी मधुशाला."

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