Friday, August 1, 2008

शेर 2




"ऐ शेख़ तूने मेरी बादापरास्ती देखी
मुँह से पीते और आँख से टपकती देखी,
तूने जब भी देखा,मुझे पीते-पिलाते देखा
मैंने जब देखी तो तेरी रूह तरसती देखी"




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